गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) के एक कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने नशे की समस्या पर खुलकर बात की. उन्होंने बताया कि 2047 तक नशा मुक्त भारत का लक्ष्य रखा गया है. नशा मुक्त भारत, नशा मुर्क समाज का टारगेट रखा गया है. दरअसल बुधवार को उन्होंने एएनटीएफ के राज्य प्रमुखों के पहले सम्मेलन का उद्घाटन किया. ये कार्यक्रम दिल्ली में ही आयोजित किया गया था. इसी दौरान उन्होंने ये बाते कहीं.
नारकोटिक्स तस्करी पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि नारकोटिक्स तस्करी के जरिए ही देश की सुरक्षा में सेंध लगाई जाती है है. ऐसे में आने वाली पीढ़ी की भलाई के लिए इस समस्या को दूर करने की कोशिश की जा रही है. इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने ड्रग्स का सेवन करने वाले लोगों को विक्टिम बताया और इसका कारोबार करने वालों को असली गुनहगार. उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि इस बात को समझते हुए रूथलेस ढंग से इस मामले से निपटना होगा, तभी नारकोटिक्स के खिलाफ लड़ाई जीत पाएंगे.
कैसे जीतेंगे ड्रग्स से जंग?
इसी के साथ गृह मंत्री ने ये भी बताया कि ड्रग्स के खिलाफ जंग कैसे जीती जा सकती है? उनके मुताबिक ड्रग्स के खिलाफ जंग को इन तीन एप्रोच के साथ लड़ना होगा. इस लड़ाई को केवल सरकार की नहीं बल्कि जनता की लड़ाई बनाकर लड़ना होगा. इसी के साथ उन्होंने सभी राज्यों से सहयोग का आह्वान किया औऱ कहा कि ड्रग्स के खिलाफ जंग को राजनीति से ऊपर उठकर लड़ना होगा और राज्यों और केंद्र सरकार को एकजुट होना होगा.
अमित शाह के मुताबिक नार्को की तस्करी से मल्टी डाइमेंशन नुकसान होता है. युवा पीढ़ी की जिंदगी बर्बाद होती है, नार्को आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है और देश की अर्थ व्यवस्था भी बिगड़ती है. उन्होंने बताया कि साल 2022 में 22 हजार करोड़ रुपए के ड्रग्स पकड़े गए. ये एक बहुत बड़ा रिकॉर्ड है.